ग्वाला वीर सिपाही कालूराम गवली

कालूराम गवली वीर सिपाही
भारत भूमि के मध्यप्रान्त आगर मालवा में कालूराम गवली जैसे वीर सिपाही भी पैदा हुये जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद सेना में रह कर बर्मा में लड़ाई लड़े । इसलिए पुराने लोग उन्हे मालवा का शेर भी कहते थे। इसके लिए 1972 में स्वयं प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने सम्मानित किया था। बाद में प्रकाशचंद सेठी मुख्य मंत्री म प्र सरकार ने भी सम्मान दिया ।

भारत की स्वतंत्रता के बाद वे सपरिवार देवास चले गए । के पी कालेज के सामने आज भी उनका मकान है। उनकी दो बेटियां आगर में है।
1987 में आगर गवली समाज ने उन्हे सम्मानित किया। छह माह बाद ही उनका निधन हुआ। खेद है आज के समाजसेवी, नेता,अधिकारी या पत्रकार राष्ट्रीय पर्व पर याद नही करते है ।
हो सकता है इनकी शहादत का भी लोग प्रमाण मांगे।
इसी परिपाटी को गवली समाज ने जिंदा रखा है जिसका प्रमाण है आज भी सिर्फ आगर में ही समाज के 50 नौजवान सैनिक भारतमाता की सेवा मे लगे है।
हम सब की ओर से इस स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी को शत शत प्रणाम ।
जय हिन्द, जय भारत ।
हे माँ तुझे सलाम ।।

ग्वाला समाज को गर्व है ऐसे वीर सपूत पर शत् शत् नमन।।

डाँ दशरथ मसानिया आगर द्वारा साभार
प्रस्तुति
रवि ग्वाल मुंगावली
9826842867

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