संदेश

नवंबर, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सम्मान समारोह ग्वाल महासभा झाँसी

चित्र
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐ *अखिल भारतीय ग्वाल महासभा जिला झांसी* को जिन्होंने अपने उद्देश्यों की पूर्ति करते हुए एक बार फिर से लगातार 10वाँ प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन कर मेधावी छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया।। एवं बुजुर्गों का मंच से सम्मान किया  महासभा के इस मंच पर महिला शशक्तिकरण को सम्मान दिया, कार्यक्रम में झाँसी सहित दिल्ली,इंदौर,हरदा, गुना,बीना,मुंगावली,शाजापुर ललितपुर, सागर, शिवपुरी,बदरबास,करैरा, बजरंगगढ़,आदी जगहो से आये समाज के लोगो ने सहभागिता की। इस सफल आयोजन मे ग्वाल समाज की महिलाऐ भी विभिन्न छावनियो से आई हुई थी.  सफल आयोजन  के लिए अखिल भारतीय ग्वाल महासभा झांसी की समस्त टीम बधाई और प्रशंशा के पात्र हैं जिनकी मेहनत से यह आयोजन सफल हो सका। इसके अलावा मंच से राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन लाल जी ने अपनी सेवानिवृत्ति उपरांत समस्त ग्वाल बंधुजनों के बीच आह्वान किया कि अब ग्वाल महासभा मध्यप्रदेश की राजधानी  भोपाल में अपनी सामाजिक शक्ति के साथ प्रदर्शन करेगी और जोरशोर के साथ भोपाल में आगामी भविष्य की कार्य योजना के तहत हुजूम उमड़ेगा। आप सभी इस आयोजन में सहभागी प...

ग्वाल समाज मे गोवर्धन पूजा

चित्र
श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार-  "गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक। विष्णुबाहु कृतोच्छाय गवां कोटिप्रदो भव।" गोवर्धन पर्वत की पूजा के बारे निम्न कथा प्रचलित है- भगवान श्रीकृष्ण अपने सखाओं और गोप-ग्वालों के साथ गाय चराते हुए गोवर्धन पर्वत पर पहुँचे तो देखा कि वहाँ गोपियाँ 56 प्रकार के भोजन रखकर बड़े उत्साह से नाच-गाकर उत्सव मना रही हैं। श्रीकृष्ण के पूछने पर उन्होंने बताया कि आज के दिन वृत्रासुर को मारने वाले तथा मेघों व देवों के स्वामी इन्द्र का पूजन होता है। इसे 'इन्द्रोज यज्ञ' कहते हैं। इससे प्रसन्न होकर इन्द्र ब्रज में वर्षा करते हैं और जिससे प्रचुर अन्न पैदा होता है। श्रीकृष्ण ने कहा कि इन्द्र में क्या शक्ति है? उससे अधिक शक्तिशाली तो हमारा गोवर्धन पर्वत है। इसके कारण वर्षा होती है। अत: हमें इन्द्र से भी बलवान गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए। बहुत विवाद के बाद श्रीकृष्ण की यह बात मानी गई तथा ब्रज में इन्द्र के स्थान पर गोवर्धन की पूजा की तैयारियाँ शुरू हो गईं। सभी गोप-ग्वाल अपने-अपने घरों से पकवान लाकर गोवर्धन की तराई में श्रीकृष्ण द्वारा बताई विधि से पूजन करने लगे। श...